डॉक्टर ने कहा था जिंदा रहने के लिए काटना पड़ेगा कूल्हा, पुजारी रामबदन ने दिया प्रसाद और दूर हुईं कैंसर की बीमारी
बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के कोटवां नारायणपुर निवासी रमाकांत यादव को जब कूल्हे (कमर के निचले भाग) के कैंसर जैसी असाध्य बीमारी ने जकड़ लिया तो उसने देर किए बिना सीधे महज मां काली के दरबार में हाजिरी लगाई, जहां पुजारी रामबदन भगत द्वारा दी गई जड़ी और जलकुंभी के फल का 40 दिनों तक सेवन कर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को मात देने के साथ ही पूर्णतया ठीक हो गया है।
पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के उपरांत मां काली के मंदिर में खप्पर और प्रसाद चढ़ाने आए रमाकांत ने इसकी तस्दीक करते हुए बताया कि मां काली के आशिर्वाद के परिणाम स्वरूप वह अब पूरी तरह से स्वस्थ है तथा चल फिर रहा है।
रमाकांत ने बताया कि जब उसे बीमारी में जकड़ा तो वह चलने फिरने में असमर्थ हो गया। इलाज के लिए उसने बीएचयू समेत कई बड़े अस्पतालों का चक्कर लगाया,लेकिन डॉक्टरों का एक ही कहना था कि जिंदा रहने के लिए कूल्हे को काटकर निकलना पड़ेगा। इसी बीच उसकी रिश्तेदार ने पकड़ी धाम की काली मां के मंदिर में जाने की नसीहत दी। फिर उसके परिजनों ने उसे चारपाई पर लाद कर पकड़ी धाम स्थित काली मंदिर पहुंचे और मंदिर के पुजारी रामबदन भगत से अपनी व्यथा बताई।
मां काली के अनन्य उपासक रामबदन भगत ने पहले उन्हें मां का प्रसाद दिया और कुछ औषधियों के साथ जलकुभी के फल का नियमित सेवन करने की बात कही। मां काली के आशीर्वाद और जलकोंभी के फल के नियमित से अब वह पूरी तरह से ठीक हो गया हैं और अपना सामान्य जीवन जी रहा हैं।
डेस्क
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