किसान दुबारा -चकबंदी के पक्ष में नहीं ?
मनियर, बलिया। मनियर थाना क्षेत्र के ग्राम धसका में बृहस्पतिवार को चकबंदी के संबंध में बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी, चकबंदी अधिकारी , सहायक चकबंदी अधिकारी, चकबंदी कर्ता व चकबंदी लेखपाल की उपस्थिति में बृहस्पतिवार को धसका शिव मंदिर पर काश्तकारों की मीटिंग हुई । जिसमें चकबंदी प्रक्रिया के विरोध में काश्तकारों ने हस्ताक्षर बनाया। जिसमें रामनाथ प्रसाद, सत्यदेव सिंह ,अखिलेश सिंह,सत्येंद्र, चंद्रमा ,हीरालाल ,फुलेना, जयप्रकाश ,जनार्दन सहित करीब 35 काश्तकारों ने हस्ताक्षर बनाकर दिया। ये किसान रि-चकबंदी न कराए जाने के पक्ष में है ।गौर तलब हो कि इसके पूर्व भी 27.3.2024 को धसका शिव मंदिर पर खुली बैठक हुई थी जिसमें निर्धारित प्रपत्र वितरण किया गया था ।ग्राम सभा में कुल 216 कास्तकार है जिसमें 175 काश्तकारों ने ग्राम चकबंदी प्रक्रिया का विरोध करते हुए निरस्त किए जाने के पक्ष में अपना अभीमत दिया तथा खाता संख्या 39 के दो खातेदार व खाता संख्या 210 के चार खातेदार कुल 6 खातेदारों द्वारा चकबंदी प्रक्रिया को आगे बढ़ाए जाने के समर्थन में अपना अभीमत दिया था। तथा 35 काश्तकारों ने अपना अभीमत प्रस्तुत नहीं किया। इसकी रिपोर्ट चकबंदी आयुक्त उत्तर प्रदेश लखनऊ को जिलाधिकारी/ जिला उपसंचालक चकबंदी बलिया प्रवीण कुमार लक्षकार ने रिपोर्ट भेज दिया था ।अपने रिपोर्ट में जिला अधिकारी ने किसानों में आपसी गुटबंदी का हवाला दिया था तथा यह भी लिखा था की चकबंदी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाना संभव नहीं है ।ऐसी स्थिति में उत्तर प्रदेश जोत चकबंदी नियमावली 1954 के नियम 17 के अंतर्गत धारा 4 के अधीन जारी विज्ञप्ति को निरस्त किया जाना उचित है। इसके बावजूद भी चकबंदी आयुक्त उत्तर प्रदेश के निर्देश पर अधिकारी गण गांव में पहुंचकर मीटिंग कर रहे हैं जिससे किसानों में आक्रोश व्याप्त है। किसान रि-चकबंदी कराने के पक्ष में नहीं है तथा मांग कर रहे हैं कि रि-चकबंदी न कराया जाय। करीब 40 वर्ष पूर्व बलिया जनपद के लगभग अधिकांश गांवों में चकबंदी हुई थी तो सिर्फ धसका गांव में ही रि-चकबंदी की प्रक्रिया क्योंआगे बढ़ाई जा रही है।
प्रदीप कुमार तिवारी
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