रामानुजन की जयंती पर सनबीम स्कूल में मैथलीट मैवरिक्स 2.0 का हुआ भव्य आयोजन
बलिया : विद्यार्थियों में गणित के प्रति रुचि और कौशल को बढ़ावा देने के लिए बलिया के सनबीम स्कूल मेहमान गणितज्ञ श्री रामानुजन की जयंती के अवसर पर दिनांक 21 दिसंबर को मैथलीट मैवरिक्स 2.0 का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि डॉ मनीष कुमार पांडे (असिस्टेंट प्रोफेसर, एस सी कॉलेज, बलिया) द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
तत्पश्चात मुख्य अतिथि ने श्रीनिवास रामानुजन को पुष्प अर्पित करते हुए विद्यार्थियों को गणित के क्षेत्र में उनके योगदान के विषय में बताया।
मैथलीट में बलिया के अन्य स्कूलों के विद्यार्थियों ने भी भाग लिया था। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने आयोजित विभिन्न गतिविधियों में बढ़ चढ़कर भाग लिया और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, जिनमें "द स्नैप सॉल्वर, " स्क्विगली डोकू" " मैथ क्विज", मैथक्राफ्ट, और मैथेमेटिकल मार्वल जैसे प्रतिस्पर्धा शामिल थे।
इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा दिखाते हुए न केवल गणितीय कौशल दिखाया बल्कि टीम वर्क,तर्कशक्ति और नवाचार का प्रदर्शन भी किया। विभिन्न प्रतियोगिताओं में सफल विद्यार्थियों को मेडल और प्रमाण पत्र द्वारा सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए विद्यालय निदेशक डॉ कुंवर अरुण सिंह ने कहा कि गणित एक ऐसा विषय है जो हमारे जीवन के लगभग हर पहलू में उपयोग होता है।यह हमें समस्या-समाधान कौशल, तर्कशक्ति, और संवेदनशीलता को विकसित करने में मदद करता है।गणित की महत्ता को समझने के लिए, हमें इसके विभिन्न पहलुओं पर विचार करना होगा। गणित का उपयोग विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, और गणित (एसटीईएम) के क्षेत्रों में किया जाता है। यह हमें डेटा विश्लेषण, मॉडलिंग, और सिमुलेशन करने में मदद करता है।
गणित में अभ्यास बहुत महत्वपूर्ण है। नियमित अभ्यास से आप गणित की अवधारणाओं को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं और समस्याओं को हल करने में अधिक आत्मविश्वास महसूस कर सकते हैं।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह ने सभी सफल विद्यार्थियों को बधाई दी और इस आयोजन को सफल बनाने के लिए विद्यालय के सभी गणित विषय के अध्यापकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विद्यालय प्रशासक संतोष कुमार चतुर्वेदी, डीन एकेडमिक सहर बानू, हेडमिस्ट्रस नीतू पांडे की उपस्थित सराहनीय रही।
By- Dhiraj Singh
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