क्षतिग्रस्त रेवती कुसौरी संपर्क मार्ग आए दिन राहगीर हो रहे चोटिल
रेवती (बलिया) । भारत गांवों का देश है। भारत की 70% जनता आज भी गांवों में निवास करती हैं। सरकार द्वारा नेशनल हाई-वे तथा ग्रीन फिल्ड एक्स्प्रेस वे जैसे राजमार्गो के लिए करोड़ों - करोड़ो रूपए की धनराशि खर्च की जा रही है। किन्तु दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों की खस्ता हाल संपर्क मार्गो की तरफ ध्यान नहीं दिए जाने से लोगों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
रेवती से कुसौरी जाने वाले संपर्क मार्ग की लंबाई 5 किलो मीटर है। 2015 में संपर्क मार्ग की मरम्मत हुईं थीं। आज यह संपर्क मार्ग इतना अधिक जर्जर व क्षतिग्रस्त है कि इस पर सवारी की कौन कहे पैदल आने जाने वाले राहगीर व स्कूली बच्चें आए दिन चोटिल होते रहते हैं। रेवती दत्तहा, गायघाट अधैला, रेवती भटवलिया आदि दियरांचल की लाईफ लाईन कही जाने वाले संपर्क मार्गो के खस्ता हाल के चलते रेवती का बाजार भी प्रभावित हो रहा है। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल रेवती के महामंत्री राजेश केशरी गुड्डू ने शासन, प्रशासन व जन प्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित करते हुए जनहित में उक्त संपर्क मार्गो की मरम्मत की मांग की है।
पुनीत केशरी
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