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कवि की कविताएं भविष्य कि दृष्टि होती है : राम जी राय

 




 मनियर, बलिया । कवि की कविताएं भविष्य कि दृष्टि होती है,गोरख पाण्डेय ने जो रचनाएं लिखी थी वह आज के दौर में समाज का दर्पण है।

उक्त बातें समकालीन जनमत के प्रधान संपादक राम जी राय ने  वुधवार को जन संस्कृति मंच बलिया के तत्वावधान में मनियर चांदुपाकड (सिनेमा हॉल)में आयोजित जनकवि गोरख की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। उन्होंने ने कहा कि उनकी कविताओं में गतिशीलता है उन्होंने ने कहा कि जिन को अंगुठा भी रखने के लिए जमीन न मिले और वह आसमान पाने के लिए खड़ा हो वही आशावादिता है ।  गोरख की कविताएं आजादी की कविता है ।  पैसे के राज़ के खिलाफ एक मेहनत कश जनता के सपने की आवाज बनाने के लिए है । वहीं रामनरेश राम ने कहा कि गोरख जन विरोधी संस्कृति के प्रवल विरोधी थे।  संस्कृति को सत्ता के लिए इस्तेमाल करना समाज के लिए घातक बताया।गोरख पाण्डेय की गीत को मजदूर किसान आंदोलन का गीत बताया कहा कि निजीकरण के दौर में गोरख की रचनाएं आज प्रासंगिक है। प्रोफेसर प्रेम शंकर ने प्रगतिशील राष्ट्रवाद का प्रवल पक्षधर बताते हुए गोरख की रचना थे। आंखें हैं तुम्हारी तकलीफ़ो का उमड़ता हुआ समन्दर,इस दुनिया को जितनी जल्दी हो बदल देना चाहिए। वहीं  जवाहरलाल लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) दिल्ली के छात्र रहे लोक गायक बृजेश यादव ने गोरख की गीत गाते हुए कहा कि गोरख ने मानव की मुक्ति और श्रम के शोषण,खास तौर से महिलाओं के श्रम के शोषण के खिलाफ सपना देखा था। कार्यक्रम संचालन पुरंजय शर्मा और अध्यक्षता मुख्तार अहमद एडवोकेट ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से बशिष्ठ राजभर, लक्ष्मण यादव, बसंत कुमार सिंह, ओमप्रकाश सिंह, तनवीर, विनय सिंह (मीटर सिंह), अमरनाथ यादव, डाक्टर हरिमोहन सिंह,बिजय सिंह, बिनोद सिंह, नागेन्द्र कुमार, हरिनारायण प्रजापति आदि लोग रहें।


प्रदीप कुमार तिवारी

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