Ballia News : पत्नी व बेटे के साथ जा रहे थे प्रयागराज महाकुंभ नहाने बीएसएफ के जवान, ट्रेन की चपेट में आने से हो गई मौत, नागपुर में की गई राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि
बलिया : पत्नी व बेटे के साथ महाकुंभ में प्रयागराज स्नान करने जा रहे सीमा सुरक्षा बल के जवान क्षेत्र के करमानपुर गांव निवासी काशीनाथ सिंह 52 वर्ष की ट्रेन से कटकर नागपुर रेलवे स्टेशन पर मौत हो गई। शव इस तरह क्षत विक्षत हो चुका था की सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों ने परिजनों के सहमति राजकीय सम्मान के साथ नागपुर में ही अंत्येष्टि कर दी। उल्लेखनीय है कि काशीनाथ सिंह 146 बटालियन कल्याणी पश्चिम बंगाल में हवलदार पद पर तैनात थे। उनके दोनों पुत्र नवनीत सिंह व अभिजीत सिंह इंजीनियर है। जिनकी तैनाती कर्नाटक के बेंगलुरु में है।उनकी पत्नी पूर्णिमा सिंह अपने बेटों के साथ बेंगलुरु ही रहती थी। महाकुंभ में स्नान करने के लिए काशीनाथ सिंह छुट्टी लेकर कल्याणी से बेंगलुरु पहुंचे। वहां से अपनी पत्नी पूर्णिमा सिंह और पुत्र नवनीत सिंह के साथ महाकुंभ में स्नान करने के लिए प्रयागराज रवाना हुए। विगत 10 फरवरी को नागपुर में ट्रेन के रुकने पर पति-पत्नी कुछ खाने के लिए प्लेटफार्म पर उतरे। तब तक अचानक ट्रेन खुल गई। किसी तरह काशीनाथ सिंह ने अपनी पत्नी को सुरक्षित ट्रेन पर चढ़ा दिया, किंतु अपने ट्रेन पर चढ़ने के प्रयास में फिसल कर गिर गए, और प्लेटफार्म के नीचे चले गए।जहां ट्रेन से कट जाने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। इसकी सूचना उनके साथ सफर कर रहे पुत्र नवनीत सिंह ने बीएसएफ कार्यालय को दिया। बीएसएफ कल्याणी द्वारा नागपुर बीएसएफ कार्यालय से संपर्क कर उनके शव की अंत्येष्टि के लिए गांव भेजवाने का निर्देश दिया।जब बीएसएफ के जवान शव के लिए नागपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे, तो शव के चिथड़े उड़ चुके थे। उन्होंने उनके पुत्र से मशविरा किया। कहा कि शव ले जाने लायक नहीं है। अगर आप लोगों की सहमति हो तो यहीं अंत्येष्टि कर दी जाए। परिजनों के सहमति पर नागपुर में ही राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि करने के बाद उनके पुत्र नवनीत सिंह व पत्नी पूर्णिमा सिंह अस्थि कलश लेकर बुधवार की रात करमानपुर पहुंचे। इस घटना के कारण गांव में कोहराम मच गया। वहीं उनका दूसरा पुत्र अभिजीत सिंह भी बेंगलुरु से करमानपुर आ गया। काशीनाथ सिंह का अस्थि कलश को गंगा में विसर्जित करने के बाद करमानपुर में श्राद्ध संस्कार गुरुवार को शुरू हुआ है।
By- Dhiraj Singh
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