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अध्यापक की डांट छात्रों के भविष्य निर्माण के नींव की ईंट होती है- कन्हैया

 





गड़वार (बलिया) अध्यापक की डांट मां-बाप के दुलार से ना सिर्फ अच्छी होती है बल्कि छात्रों के भविष्य निर्माण की नींव की ईंट साबित होती है। भविष्य में वही छात्र-छात्राएं सफल होते हैं जो अनुशासित रहकर संस्कार युक्त शिक्षा ग्रहण करते हैं। 10-12 वर्षों तक अनवरत शिक्षा ग्रहण करने के बाद जब छात्र -छात्राएं विद्यालय से विदा होते हैं तो क्षणिक कष्ट होता है परन्तु उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना एक उम्मीद बनकर कष्ट को दूर कर देती है।

उक्त बातें बुधवार को रतसर कस्बा  क्षेत्र के बाराबांध स्थित डीपीएचएस स्कूल में आयोजित 10 वीं और 12 वीं के छात्र-छात्रओं के विदाई समारोह में उतर-प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य कन्हैया पाण्डेय ने कही।

कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय की छात्रा नैना ने देवी गीत "आइल दुवारी बानी हे देवी माई" से किया। वही लक्ष्मी ने "नैनवा बिछवले रहनी स्वागत में हम" गाकर अतिथि का स्वागत किया। जबकि अंजलि ने "मत जा ए दीदी लोग गेटवा के बहरा" विदाई गीत . गाकर सबकी आंखें नम कर दी। विदाई समारोह में राकेश चौहान, शशांक शेखर पाण्डेय,आशुतोष यादव,सनोज कुमार,नितेश चौहान,नागेश कुमार,अमृता कुमारी,बिंदु देवी, दिव्यांश राजभर एवं मंदीप राजभर उपस्थित थे। संचालन तेज बहादुर यादव ने किया।



रिपोर्ट : धनेश पाण्डेय

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