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इस कारण से नही हो पा रहा फार्मर रजिस्ट्रेशन, किसान परेशान

 



बलिया : नाम में अंतर से फार्मर रजिस्ट्रेशन में पेच फंस गया है।इससे कम से कम पांच हजार से अधिक किसान परेशान है।किसान जन सेवा केंद्र और तहसील का चक्कर लगाने को मजबूर है। किसी का खतौनी में नाम दुरुस्त नहीं है, तो किसी का नाम आधार कार्ड में गड़बड़ हो गया है। किसी के बैंक पासबुक के नाम में गड़बड़ है। इस वजह से प्रतिदिन सैकड़ो किसान जन सेवा केंन्द्रो पर व  तहसील पर फॉर्मर रजिस्ट्रेशन के लिए जाते हैं, और वापस लौट आते हैं। आलम यह है कि अभी तक महज 30 फ़ीसदी किसानों का ही फार्मर रजिस्ट्रेशन हो पाया है। अगर गड़बड़ी दूर नहीं की गई तो किसानों के हित में जारी इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पाएगा, और तो और आधार का मोबाइल नंबर से लिंक ना होना कोढ़ में खाज प्रमाणित हो रहा है।किसान परेशान है। आखिर जाए तो जाएं कहां जाय।आधार से मोबाइल लिंक कराये या खतौनी में नाम दुरुस्त कराये या बैंक पासबुक का नाम संशोधन कराये। सीधे-साधे किसान जो खेतों में काम करते हैं। उनके बस का यह कागजी दावपेच रह नहीं गया है, और तहसील के हकीम किसानो की मजबूरी सुनने को तैयार नहीं है।

उल्लेखनिय  है कि बैरिया तहसील में करीब चालिस हजार  किसान है। जिसमें से महज लगभग आठ हजार किसानों का ही फॉर्मर रजिस्ट्रेशन हो पाया है। शेष लोग रजिस्ट्रेशन के लिए भटक रहे हैं। तहसील पर जाने पर लेखपाल जन सेवा केंद्र पर भेज दे रहे हैं, और जन सेवा केंद्र का कंप्यूटर नाम में गड़बड़ी के कारण रजिस्ट्रेशन कर नहीं पा रहा है।ऐसे में बैरिया तहसील के किसानो के लिए फार्मर रजिस्ट्रेशन टेढ़ा खीर साबित हो रहा है। ऐसे में किसानों ने जिलाधिकारी से हस्तक्षेप की गुहार लगाते हुए मांग की है कि गांव में शिविर लगाकर नाम की गड़बड़ी दूर की जाए, व फॉर्म रजिस्ट्रेशन कराया जाए। जब तक शत प्रतिशत  फॉर्मर रजिस्ट्रेशन ना हो शिविर को गांव से न हटाया जाए।

गौरतलब है की फॉर्मर रजिस्ट्रेशन के गति नहीं पकड़ने के कारण रजिस्ट्रेशन  कि तिथि 31 जनवरी से बढ़ाकर अंतिम तिथि 31 मार्च कर दी गई है, किंतु जो स्थिति पैदा हुई है। उससे ऐसा लगता है कि 31 मार्च तक 50 फ़ीसदी भी फार्मर रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाएगा।


By- Dhiraj Singh

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